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पुष्प सिंहासन पर बैठकर बुद्ध सात दिनों तक गहन ध्यान में लीन रहे... इस पूरे समय में शारदा अविचल खड़ी रहीं, उन्होंने बुद्ध के ऊपर पुष्प छत्र धारण किया हुआ था, तथा स्वयं को भोजन से नहीं, बल्कि भक्ति के आनंद से पोषित कर रही थीं।